Introduction
Serving for the last 65 years with a motto “Empowerment through Education”, DAV Hindi School was registered in 1966 with a mere 7–8 students and one teacher.
Over the years, from one Weekend Centre at Farrer Park Primary School we expanded to nine centres across the island with a student population of about 3800. Together, we have been evolving and keeping up with the 21st century skills, nurturing and empowering students right from Pre-Schools to Primary and Secondary Schools.
Our well-trained teachers serve across the island. They keep themselves at par with BTTSAL’s requirement by attending various training programmes and workshops.
In 2006, DAV initiated the bursary and scholarship programme for students, who excel in the national level examinations - PSLE, GCE N, O and A levels. In 2020, our teachers were commended for their dedication and good work by Adhaarshila Vishav Hindi Mission, India.
2020 was a challenging year. This has made us push boundaries and come up strong in technological norms. We conducted HBL and leading enrichment courses such as:
- Creative Writing Workshop
- June Crash Course
- Hindi Prayogshaala
- Bridging Course
We look forward to serve our students passionately and wish to empower them with a better future.
‘विद्या के माध्यम से सशक्तिकरण’ सिद्धांत को अपनाकर पिछले 65 सालों से अपनी सेवा प्रदान कर रहे डी.ए.वी. हिंदी स्कूल की शुरुआत सन् 1966 में सिर्फ 7-8 बच्चों और एक अध्यापिका से हुई थी।
पिछले कुछ ही वर्षों में फेरर पार्क प्राइमरी स्कूल में एक वीकेंड सेंटर से आरंभ करके हमने पूरे द्वीप में नौ वीकेंड सेंटरों में विस्तार किया। आज हमारे छात्रों की संख्या 3800 के पार हो चुकी है। डी.ए.वी. की शिक्षिकाएँ समय के साथ-साथ 21वीं सदी के पाठ्यक्रम को अपनाकर प्री-स्कूल से लेकर प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में छात्रों को सही शिक्षण द्वारा समर्थ बनाते हुए निपुणता से शिक्षा के क्षेत्र में अग्रसर हो रही हैं।
हमारी अध्यापिकाएँ बी.टी.टी.एस.ए.एल. की सभी वर्कशाप एवं प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूर्ण करके शिक्षा केंद्र में नाम अंकित कर रही हैं।
डी.ए.वी. ने वर्ष 2006 से ज़रूरतमंद बच्चों के लिए बर्सरी और छात्रवृत्ति जैसी वित्तीय सहायताएँ शुरू की हैं जो राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा जैसे ‘पी.एस.एल.ई.’, ‘एन’, ‘ओ’ और ‘ए’ स्तर में बैठने वाले विद्यार्थी को सशक्त एवं उत्साहित करेंगी। ‘आधारशीला विश्व हिंदी मिशन’, भारत ने वर्ष 2020 में हमारी अध्यापिकाओं को शिक्षा के प्रति उनकी लगन एवं कार्य के लिए पुरस्कृत कर उन्हें सम्मानित किया था।
वर्ष 2020 एक अति चुनौतीपूर्ण साल था। इस दौरान हम अपनी सीमाओं से बाहर उभरकर आए और हमने स्वयं को तकनीकी क्षेत्र में मज़बूत बनाया। हमने छात्रों को हेच.बी.एल. एवं प्रभावशाली संवर्धन पाठ्यक्रम जैसे:
- रचनात्मक लेखन कार्यशाला
- जून क्रैश कोर्स
- हिंदी प्रयोगशाला
- ब्रिजिंग कोर्स
आदि के माध्यम से छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान की। छात्रों की लगन से सेवा करने एवं बेहतर भविष्य के लिए उन्हें सशक्त बनाने की कामना करते हैं।